यहां Ishq ki mahfil और Alfaaz e ulfat Hindi shayari पेश है। 1. इश्क की महफिल सजी है तुम मेरे अल्फाजों में हो खुशियों में हर लम्हा गुजरने लगा है क्योंकि तुम मेरे ख्वाबों खयालों में हो। 2. मुझे जाम की जरूरत नहीं है क्योंकि निगाहों से अजब सा नशा चढ़ा रही है वो, अब अपनी चाहते पूरी हो जाएगी दिल से दिल मिला रही है वो। 3. अधूरी गजल है अधूरे तराने, खामोशी में बदलने लगे हैं अपने ठिकाने, जहां वफा के बदले धोखा हो वहां हम फिरते नहीं है बनकर दीवाने। 4. सिर्फ अब ये इश्क नहीं है उल्फत की इबादत करने का इरादा है मेरी आदत कुछ इस तरह चुकी है तुमसे मोहब्बत मुझे अपनी सांसों से ज्यादा है। 5. तू मेरी हस्ती, मेरी ख्वाहिशों का ठिकाना है तेरे प्यार से अपना गुजारा हो रहा है वरना आजकल कहां अपना आशियाना है